निपल अंगना निपले रहलै
जरल मानस जरले रहलै
आस छ'ल जे चलि जेतै अखार
भिजल नएन भिजले रहलै
गछि क' नोत नै एलखिन नाह
काटल भालरि काटले रहलै
खइतौं एेँठ बढबितहुँ नेह
साजल सचार साजले रहलै
आब निक दिवस एतै कहिया
बारल जनता बारल रहलै
- विजय कुमार ठाकुर
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