हम सपना नै देखबै आब कहिओ
अहाँके बाट नै हेरबै आब कहिओ
सुनर दिन एतै से आब भरोस नै
दीप आसक नै लेसबै आब कहिओ
बेटी के बिआह केलौं त भेल इ भान
अपन बेटा नै बेचबै आब कहिओ
निज गोड़ मे गड़ल त खेलौं शपथ
काँट सँ खेत नै बेढबै आब कहिओ
तीन टा शब्दके डर देखेतै जँ केओ
ओहि लोक के नै टेरबै आब कहिए
- विजय कुमार ठाकुर