Sunday 20 May 2018

मैथिली गजल

निपल अंगना निपले रहलै
जरल  मानस  जरले रहलै

आस छ'ल जे चलि जेतै अखार
भिजल   नएन   भिजले   रहलै

गछि क' नोत नै एलखिन नाह
काटल  भालरि  काटले  रहलै

खइतौं  एेँठ  बढबितहुँ  नेह
साजल सचार साजले रहलै

आब निक दिवस एतै कहिया
बारल  जनता   बारल   रहलै
              - विजय कुमार ठाकुर